दोस्तों हम आज की इस पोस्ट में पढ़ने वाले हैं न्यूटन का प्रथम नियम क्या है आपसे क्वेश्चन में यह भी पूछ सकता है की न्यूटन का प्रथम नियम लिखिए या न्यूटन का गति विषयक प्रथम नियम लिखिए या न्यूटन का नियम क्या है ऐसे सवाल अगर पूछे तो आप इस पोस्ट के पढ़ा हुआ आप लिख सकते हैं आपको इस पोस्ट में न्यूटन का प्रथम नियम और अधिक जानकारी हमने सरल और आसान भाषा में देने की पूरी कोशिश की है तो आप इसमें सीखेंगे न्यूटन का प्रथम नियम क्या है |
Newton’s first Low Of Motion In Hindi | Newton Ka Pratham Niyam न्यूटन का गति विषयक प्रथम नियम न्यूटन का प्रथम नियम का सूत्र
गैलीलियो की सरल एवं क्रांतिकारी धारणा के अरस्तु की यांत्रिकी को पूर्णता नकार दिया | तत्पश्चात सर आइज़क न्यूटन ( 1642-1727) ने गैलीलियो की धारणा के आधार पर गतिविषयक 3 नियम प्रस्तुत कर एक नई यंत्र की की आधारशिला रखी | इस यांत्रिकी का आरंभ बिंदु गैलीलियो का जड़त्व का नियम रहा जिसे न्यूटन ने अपने गति विषयक प्रथम नियम के रूप में प्रस्तुत किया |
न्यूटन के गति विषयक प्रथम नियम के अनुसार
प्रत्येक पिंड तब तक अपनी विराम अवस्था अथवा सरल रेखा में एक समान गति की अवस्था में रहता है जब तक कि उस पर अवस्था परिवर्तन के लिए कोई बहे बल नहीं लगाया जाता है |
विराम अवस्था अथवा सरल रेखा में एक समान गति की अवस्था दोनों में ही त्वरण शून्य है | अतः न्यूटन के गति विषयक प्रथम नियम को सरल शब्दों में इस प्रकार भी व्यक्त किया जा सकता है
न्यूटन का प्रथम नियम Newton First Low
यदि किसी पिंड पर कार्यरत कुल वाहे बल शून्य है तब उसका त्वरण शून्य होता है तथा त्वरित अवस्था केवल तभी संभव है जब उस पर कार्यरत कुल वाहे बल शून्य ना हो |
उदाहरण- यदि हम मेज पर रखी पुस्तक का कुछ समय तक अध्ययन करें तो हम देखते हैं कि पुस्तक निरंतर विराम अवस्था में रहती है पुस्तक पर दो वाहे बल कार्यरत हैं- नीचे की ओर कार्यरत गुरुत्वीय बल अर्थ अर्थ पुस्तक का भार W तथा ऊपर की ओर पुस्तक पर कार्यरत मेज की प्रतिक्रिया R जैसा कि नीचे चित्र में दिखाया गया है |

पुस्तक बिना अवस्था में अतः न्यूटन के गति विषयक प्रथम नियम के अनुसार पुस्तक पर कार्यरत कुल बहारी बल शून्य होना चाहिए | अतः पुस्तक का भार W उस पर कार्यरत अभिलंब प्रतिक्रिया R के बराबर तथा विपरीत दिशा में हैं |
2. यदि हम 1 गेंद की गति का विचार करें जो विराम अवस्था से चलकर अपने वेग में वृद्धि करती है तत्पश्चात एक चिकने तल पर पहुंचकर एक समान वेग से गति करती है |
जब गेंद विराम अवस्था में है तब उस पर कार्यरत परिणामी वाहे बल शून्य है | जब गेम अपने वेग में वृद्धि करती है तब उसकी गति त्वरित गति है | इस स्थिति मे गेंद पर एक परिणामी बाय बल कार्य कर रहा है | इस स्थिति में वह वाहे बल गेंद वा तल के बीच कार्यरत घर्षण बल है | जब गेंद चिकने तल पर एक समान वेग से गति करती है तब गेंद का कार्यरत परिणामी वाहे बल पुनः 0 होते हैं |
न्यूटन का गति विषयक प्रथम नियम तथा जड़त्व ( Newton’s First Law of Motion And Inertia )
न्यूटन के गति प्रथम नियम को जड़त्व का नियम अथवा जड़त्व का सिद्धांत भी कहते हैं इस नियम के अनुसार प्रत्येक वस्तु में जड़त्व होता है | जब कोई वाहे बल किसी वस्तु की अवस्था अथवा अवस्था परिवर्तन करने का प्रयास करता है तो वस्तु अपने जड़त्व के गुण के कारण इस अवस्था परिवर्तन का विरोध करता है
दोस्तों उम्मीद है कि आपको न्यूटन का प्रथम नियम के बारे में अच्छे से जानकारी हो गई होगी साथ ही साथ आपको न्यूटन का नियम याद भी हो गया होगा उम्मीद है अब आपको न्यूटन के नियम के न्यूटन का सिद्धांत के न्यूटन का प्रथम नियम के बारे में पूरी जानकारी हो गई होगी |