हेलो दोस्तों आज हम आपको इस पोस्ट में पढ़ने वाले हैं न्यूटन की गति का तीसरा नियम क्या है इसके उदाहरण क्या है इसकी परिभाषा क्या है इसका सूत्र क्या है और कभी-कभी सवाल में ऐसा भी पूछा जाता है कि न्यूटन के गति का तीसरा नियम लिखिए या बताइए न्यूटन की गति क्रिया और प्रतिक्रिया के अनुसार तीसरे नियम इस तरह के सवाल भी आपसे जो है पूछे जाते हैं तो न्यूटन के गति का तीसरा नियम उदाहरण सहित पूरी जानकारी हमने इस पोस्ट में दी है इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको न्यूटन की गति का तीसरा नियम कहीं पर भी पड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी हमने कोशिश की है कि आपको सरल और आसान भाषा में समझाएं इससे आपको समझ में आए और याद भी रहे |

न्यूटन की गति का तीसरा नियम उदाहरण सहित ( Newton’s Third Law Of Motion क्या है ,उदाहरण, परिभाषा, सूत्र
यदि हम किसी गेंद को दीवार की ओर फेंकते हैं तो गेंद दीवार से टकराकर वापस लौट आती है | गेंद दीवार से टकराते समय अपनी संवेग में परिवर्तन के कारण दीवार पर एक बल लगाती है परंतु गेंद दीवार से टकराकर किस बल के प्रभाव से वापस लौट आती है | यह एक रुचि पूर्ण प्रसन्न है | क्या दीवार भी गेंद पर कोई बल विपरीत दिशा में लगाती है जिसके कारण गेंद वापस लौटती है |
यदि हम एक स्प्रिंग को हाथ से बल लगाकर उसे संपीड़ित करें तब स्प्रिंग भी हमारे हाथ पर विपरीत दिशा में एक बल लगाती है जिसका अनुभव हम स्वयं करते हैं |
उपयुक्त दोनों उदाहरण में वस्तुएं परस्पर संपर्क में आती हैं | क्या संपर्क में ना होने वाली वस्तुएं भी एक दूसरे पर इसी प्रकार विपरीत दिशा में बल लगाती है आओ हम इस पर विचार करें |
चुंबक किसी लोहे के टुकड़े को अपनी ओर आकर्षित करती है यदि लोहे के टुकड़े को स्थिर कर दिया जाए तब चुंबक लोहे के टुकड़े की ओर आकर्षित होकर गति करती है | अतः स्पष्ट है की चुंबक तथा लोहे का टुकड़ा एक दूसरे पर विपरीत दिशा में आकर्षण पर लगाता है पृथ्वी कितनी पिंड पर अपने केंद्र की ओर गुरुत्वीय बल लगाती है न्यूटन के अनुसार वह पिंड पृथ्वी पर बराबर बा विपरीत दिशा में बल लगाता है | पिंड का द्रव्यमान कम होने के कारण उस पर बल का प्रभाव दिखाई देता है जबकि पृथ्वी का द्रव्यमान बहुत अधिक होने के कारण उस पर बल का प्रभाव नहीं दिखाई देता है
इस प्रकार न्यूट्री यांत्रिकी के अनुसार प्रकृति में बल कभी भी अकेले नहीं पाए जाते हैं बल सदैव युगल में पाए जाते हैं | इसी धारणा को न्यूटन ने अपने गति विषयक तृतीय नियम के रूप में प्रस्तुत किया है जिसके अनुसार-
क्रिया एवं प्रतिक्रिया
प्रत्येक क्रिया की सदैव समान एवं विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है |
क्रिया एवं प्रतिक्रिया सदैव भिन्न-भिन्न वस्तुओं पर कार्य करती है
माना पिंड A तथा B द्वारा लगाया गया बल FAB तथा पिंड B द्वारा लगाया गया पल FBA है | अब चूंकि कोई वाहे बल कार्यरत नहीं है अतः न्यूटन के द्वितीय नियम से,
FAB +FBA =0
FAB =-FBA
जो की न्यूटन का गति विषयक तृतीय नियम है | यह कहा जाता है कि गति के द्वितीय नियम में गति का तृतीय नियम स्वयं सम्मिलित है |
1. न्यूटन के गति विषयक प्रथम नियम के अनुसार किसी वस्तु की किसी भी स्थिति में परिवर्तन का मूल कारक बल है | द्वितीय नियम हमें यह बताता है कि किसी वस्तु पर आरोपित बल ने उस वस्तु की स्थिति में कितना परिवर्तन किया है | परंतु न्यूटन का गति विषयक तृतीय नियम हमें यह बताता है कि किसी वस्तु परबल किस प्रकार लगाए जाएं एवं अमुक बल का स्रोत कहां है | |
2. बल सदैव युगल में पाए जाते हैं | दो पिंडों A बा B के बीच परस्पर अयोय किरिया में पिंड A द्वारा पिंड B पर लगाया गया बल, पिंड B द्वारा पिंड A पर लगाए गए बल के बराबर वह विपरीत दिशा में होता है | |
3. दो पिंडों के बीच परस्पर अन्योन्य क्रिया में पिंड A द्वारा B पर लगाया गया बल तथा पिंड B द्वारा A पर लगाया गया बल एक ही क्षण पर कार्यरत होते हैं | अतः इनमें से किसी भी एक बल को क्रिया बा दूसरे बल को प्रतिक्रिया ले सकते हैं | |
4. क्रिया एवं प्रतिक्रिया सदैव भिन्न-भिन्न पिंड पर विपरीत दिशा में कार्य करती है | |
5. यदि दो पिंडों A व B से मिलकर बने निकाय को एक पिंड मान लें तब बल FAB तथा FBA निकाय ( A+B) के आंतरिक बल हैं यह बल एक दूसरे से निरस्त हो जाते हैं | अतः यह स्पष्ट है कि किसी निकाय में आंतरिक बल परस्पर एक दूसरे को निरस्त कर देते हैं | |
न्यूटन के गति विषयक तृतीय नियम के उदाहरण
1. मनुष्य द्वारा पृथ्वी पर चलना-मनुष्य पृथ्वी पर चलते समय पृथ्वी को पीछे की ओर पैर से ढकेल ता है | यह मनुष्य द्वारा पृथ्वी पर लगाई गई क्रिया है न्यूटन के गति विषयक तृतीय नियम के अनुसार पृथ्वी भी मनुष्य के पैर पर बराबर विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया बल लगाती है इस प्रतिक्रिया पल का ऊर्ध्वाधर घटक व्यक्ति के भार को संतुलित करता है तथा क्षेतीज घटक व्यक्ति को आगे की ओर गति प्रदान करता है |
2. मनुष्य द्वारा पानी पर तैरना-मनुष्य पानी पर तैरते समय पानी पर बल लगाकर उसे पीछे की ओर ढके लता है यह मनुष्य द्वारा पानी पर लगाई गई क्रिया है न्यूटन के गति विषयक तृतीय नियम के अनुसार पानी भी व्यक्ति पर बराबर प्रतिक्रिया विपरीत दिशा में आगे की ओर लगाता है जिस कारण व्यक्ति पानी पर आगे की और तैरता है |
3. नाव से किनारे पर कूदने पर नाव पानी में पीछे की ओर गति करती है- नाव से किनारे पर कूदने के लिए व्यक्ति नाव को पीछे की और पैरों से बल लगाकर ढके लेता है यह व्यक्ति द्वारा नाव पर लगाई गई क्रिया है न्यूटन के गति विषयक तृतीय नियम के अनुसार नाव भी व्यक्ति पर पर आवर प्रतिक्रिया विपरीत दिशा में लगाती है क्रिया के कारण नाव पानी में पीछे की ओर गति करती है जबकि प्रतिक्रिया के कारण व्यक्ति किनारे की ओर गति करता है |
4. बंदूक, गोली छूटने पर पीछे की ओर गति करती है-बंदूक से गोली छोड़ते समय बंदूक गोली पर आगे की ओर बल लगाती है यह बंदूक द्वारा गोली पर लगाई गई क्रिया है न्यूटन के गति विषयक तृतीय नियम के अनुसार गोली बंदूक पर बराबर प्रतिक्रिया विपरीत दिशा में पीछे की ओर लगाती है, जिस कारण बंदूक प्रतीक्षित होकर पीछे की ओर गति करती है |
जेट हवाई जहाज या रॉकेट की गति-जेठ हवाई जहाज या रॉकेट में ईंधन को जलाने पर अत्यधिक गर्म गैस उत्पन्न होती है जिन्हें रॉकेट के निचले भाग में बने छेद से बाहर भेजने के लिए रॉकेट गैस पर बल लगाता है किस कारण गैस जेड के रूप में तीव्र वेग से बाहर आती है | न्यूटन के गति विषयक तृतीय नियम के अनुसार गैस रॉकेट पर बराबर बल विपरीत दिशा में लगाती है किस कारण रॉकेट आगे की ओर गति करता है |