हेलो दोस्तों आज इस पोस्ट में दूरी तथा विस्थापन के बारे में पढ़ने वाले हैं साथी साथ हम दूरी और विस्थापन में अंतर भी पढ़ने वाले हैं हमारी कोशिश है कि आप सभी को आसान और सरल भाषा में दूरी तथा विस्थापन के बारे में समझा पाए उम्मीद है कि आप इस पोस्ट को पढ़कर अच्छे से दूरी और विस्थापन को समझ सकेंगे साथ ही साथ दूरी और विस्थापन के अंतर को भी समझ सकेंगे |
Distance And Displacement दूरी तथा विस्थापन | Duri Tatha Visthapan Mein Antar –
सामान्यता दूरी तथा विस्थापन एक ही राशि के लिए प्रयुक्त होते हैं परंतु भौतिक विज्ञान में दोनों में अंतर है |
दूरी Distance-
किसी वस्तु द्वारा तय किए गए पत्र की कुल लंबाई को वस्तु द्वारा तय की गई दूरी कहते हैं |
इसका S.I. मात्रक मीटर तथा विमा [L] होती है | यह एक अदिश राशि है |
विस्थापन Displacement –
किसी वस्तु की प्रारंभिक तथा अंतिम स्थितियों के बीच की न्यूनतम दूरी को विस्थापन कहते हैं |
इसका S.I. मात्रक मीटर तथा विमा [L] होती है | यह एक सदिश राशि है |
उदाहरण -1. यदि कोई वस्तु वृत्तीय पथ पर बिंदु A से गति प्रारंभ कर पथ APB पर ब्यास के दूसरे सिरे B तक गति रखता है जैसे चित्र में दिखाया गया है तब वस्तु द्वारा तय की गई दूरी पथ APB की कुल लंबाई अर्थात पाईR है जबकि विस्थापन प्रारंभिक स्थिति A बा अंतिम स्थिति B के बीच की न्यूनतम दूरी 2R है |

उदाहरण-2. एक खिलाड़ी a भुजा के वर्गाकार मैदान में सिरे A से दौड़ना प्रारंभ करता है तथा मैदान के सिरों क्रमसा B,C,D से होते हुए वापस सिरे A पर लौट आता है जैसा कि नीचे चित्र में दिखाया गया है

खिलाड़ी द्वारा तय की गई कुल दूरी= AB+BC+CD+DA
= a+a+a+a=4a
खिलाड़ी का विस्थापन=0
उदाहरण-3. एक व्यक्ति बिंदु O से दाएं और गति प्रारंभ करता है | 200 मीटर दूरी तय करके बिंदु P तक तत्पश्चात 100 मीटर और दूरी तय करके बिंदु Q पर पहुंचता है अब विपरीत दिशा में 450 मीटर दूरी तय करके बिंदु R पर पहुंचता है जैसे कि नीचे चित्र में दिखाया है |

व्यक्ति द्वारा तय की गई कुल दूरी=OP+PQ+QR=200+100+450=750 मीटर
व्यक्ति का विस्थापन = OR=-159 मीटर
इस प्रकार स्पष्ट है कि विस्थापन धनात्मक ऋण आत्मक अथवा 0 भी हो सकता है जब की दूरी सदैव धनात्मक होती है |
दूरी तथा विस्थापन में अंतर | Duri Tatha Visthapan Mein Antar
दूरी विस्थापन | विस्थापन |
1. यह एकअदिश राशि है | | 1. यह एक सदिश राशि है | |
2. यह किसी निश्चित समय अंतराल में पिंड द्वारा तय किए गए पत्र की लंबाई के बराबर होती है | | यह किसी निश्चित समय अंतराल में पिंड द्वारा किए गए पद की प्रारंभिक और अंतिम स्थितियों के बीच की न्यूनतम दूरी के बराबर होता है | |
3. यह पिंड के पथ की आकृति पर निर्भर करती है | | यह पिंड के पथ की आकृति पर निर्भर नहीं करता है |
4. इसका मान विस्थापन के परिमाण के बराबर या उससे बड़ा होता है बड़ा होता है | | इसका परिमाण दूरी के बराबर या उससे छोटा होता है | |
5. यह आवश्यक नहीं है कि पिंड का विस्थापन 0 होने पर उसके द्वारा चली गई दूरी भी शून्य होगी | | पिंड द्वारा चली गई दूरी 0 होने पर उसका विस्थापन 0 होता है | |
6. यह सदैव धनात्मक होती है | | यह धनात्मक ऋण आत्मक या शून्य हो सकता है |