Motion in a straight line class 11th notes pdf सरल रेखीय गति Saral Rekhiy Gati


हेलो दोस्तों आज हम इस पोस्ट में सरल रेखीय गति को पड़ेंगे और जानेंगे कि सरल रेखीय गति क्या है हम पूरी कोशिश करेंगे कि आप लोगों को सरल भाषा आसान भाषा में सरल रेखीय गति को समझाने की कोशिश करेंगे जिससे आपको पढ़ कर के याद रह चुके एग्जाम में सरल रेखीय गति से कई सवाल पूछ सकता है जैसे सरल रेखीय गति क्या है सरल रेखीय गति लिखिए सरल रेखीय गति के उदाहरण लिखिए इस तरह के कई सवाल आपसे पूछ सकता है सरल रेखीय गति के बारे में तो आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ेंगे तो आप सरल की गति से जितने भी सवाल आएं सारे सवालों का आंसर आपको इस पोस्ट में मिल जाएगा उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट भी पसंद आएगी |

सरल रेखीय गति –

सरल रेखीय या एक विमीय गति एक सरलतम गति है जिसमें गतिमान बिंदु वक्त वस्तु प्रत्येक क्षण पर एक निश्चित स्थिति प्राप्त करती है । वस्तु की सरल रेखीय गति में एक स्वच्छ मूल बिंदु के सापेक्ष स्थिति x को संगत समय t के फलन के रूप में व्यक्त कर सकते हैं । गणितीय रूप में,


x=f(t)


जहां f(t) समय t का फलन है ।


अतः सरल रेखीय गति के अध्ययन के लिए विभिन्न क्षणों पर कण की स्थिति तथा समय की माप की जाती है ।

यह स्थिति का मापन (Measurement of position )-


कण की स्थिति के मापन के लिए हमें तीन तथ्यो की जानकारी होना अनिवार्य है

  1. मूल बिंदु
  2. दिशा तथा
  3. मात्रक

मूल बिंदु -Origin

कण की स्थिति के मापन के लिए हम निर्देश बिंदु एक स्वच्छ निर्देश बिंदु का चयन करते हैं, जिसे मूल बिंदु कहते हैं | इस मूल बिंदु कण की स्थिति को x=0 माना जाता है |

दिशा-Direction

मूल बिंदु के दाएं और की दिशा धनात्मक दिशा तथा बाय और की दिशा ऋण आत्मक जैसा कहलाती है | इसी प्रकार ऊध्वार्धर गति के लिए ऊपर की दिशा धनात्मक तथा नीचे की ऋण आत्मक ली जाती है |

मात्रक ( Unit)-

कण द्वारा तय की गई दूरी के अनुसार लंबाई के उचित मात्रक को चयन करते हैं | यह परिस्थिति के अनुसार सेंटीमीटर मीटर अथवा किलोमीटर अधि हो सकता है |

समय का मापन ( Measurement Of Time ) –

किसी घटना के समय के मापन के लिए भी हमें 3 तथ्यों की पूर्ण जांच होनी अनिवार्य है –

  1. मूल बिंदु
  2. दिशा तथा
  3. मात्रक

मूल बिंदु-

सामान्यता समय के मापन के लिए प्रारंभिक समय का मूल बिंदु के रूप में चयन करते हैं,

जहां समय को t=0 लेते हैं |

दिशा-

मूल बिंदु ( t=0) के सापेक्ष भविष्य काल को धनात्मक तथा भूतकाल को ऋण आत्मक लेते हैं |

मात्रक-

घटना में लगे समय अंतराल के परिणाम के अनुसार समय के एक उचित मात्रक का चयन करते हैं | यह सेकंड, मिनट. घंटा, दिन सप्ताह, महा अथवा बर्फ भी हो सकता है |

दोस्तों उम्मीद है आपको सरल रेखीय गति के बारे में पूरी जानकारी आपको यहां पर मिल गई होगी उम्मीद है कि आपने सरल भाषा में आसान भाषा में सरल रेखीय गति को पढ़कर याद कर लिया होगा क्वेश्चन पेपर में आपसे सरल रेखीय गति लिखिए सरल रेखीय गति के उदाहरण दीजिए यस सरल रेखीय गति क्या है इस तरह के सवाल पूछ सकता है तो आप उत्तर दे सकते हैं उम्मीद है कि आप सभी लोगों को पसंद आया होगा और कोई दिक्कत परेशानी हो तो हमें कमेंट बॉक्स में करें हम आपका जवाब जरूर देंगे |

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