Friction घर्षण क्या है
माना m द्रव्यमान का एक पिंड क्षेतीज तल पर स्थिर है | इस स्थिति में पिंड पर दो बल कार्य करते हैं
1. पिंड का भार mg नीचे की ओर
2. कल की लंबवत प्रतिक्रिया N ऊपर की ओर
दोनों बल परस्पर एक दूसरे को निरस्त कर रहे हैं अतः पिंड निरंतर विराम अवस्था में रहता है

यदि पिंड पर क्षेतीज सूक्ष्म बल F लगाएं जो पिंड को गति प्रदान करने के लिए पर्याप्त ना हो तब पिंड पर मात्र बल F लगा होने पर इस बल को पिंड में F /m त्वरण उत्पन्न कर गति प्रदान कर देनी चाहिए थी परंतु पिंड विराम अवस्था में है | स्पष्ट है कि पिंड पर बल F लगाने पर कोई बाह बल (fs) क्षेतीज लगाए गए बल के विपरीत दिशा में पिंड पर संपर्क तल के समांतर स्पर्श देखिए दिशा में कार्य करता है तथा लगाए गए बल को निरस्त कर देता है यह विरोधी बल ही घर्षण बल कहलाता है |
अतः जब एक वस्तु किसी दूसरी वस्तु के पृष्ठ पर गति करती है अथवा गति का यह प्रियतम करती है तब उनके संपर्क तलों पर स्पर्श रेखिए दिशा में एक बल कार्य करता है जो वस्तुओं की सापेक्ष गति का विरोध करता है | यह बल घर्षण बल कहलाता है |
घर्षण बल संपर्क में स्थित दोनों वस्तुओं पर उनकी सापेक्ष गति ओ के विपरीत दिशा में कार्य करता है | यदि मेज पर रखा किसी गुटके को दाएं से बाएं और किस खाएं तो गुटके पर घर्षण बल दाएं और कार्य करता है मेज पर ठीक उतना ही घर्षण बल बाय और कार्य करता है स्पष्ट है कि घर्षण बल ना केवल संपर्क सतह द्वारा गतिमान वस्तु पर लगाया जाता है प्रतिक्रिया स्वरूप गतिमान वस्तु की संपर्क सतह पर अपनी गति की दिशा में घर्षण बल लगाती है |
घर्षण बल का कारण
जब हम किसी ब्लॉक को खुर्द दरें क्षेतीज मेज पर चला कर छोड़ते हैं तो वह शीघ्र ही विराम अवस्था में आ जाता है ऐसा मेज द्वारा ब्लॉक पर लगाए गए घर्षण बल के कारण होता है | यदि ब्लॉक को पहली मैज की तुलना में एक चिकनी मेज पर चला कर छोड़ें तो वह अपेक्षाकृत अधिक समय तक गतिमान रहता है तथा रुकने से पहले अधिक दूरी तय करता है इससे पता चलता है की खुर्द दरें तल द्वारा लगाया गया घर्षण बल चिकनी तल द्वारा लगाए गए घर्षण बल से अधिक होता है |
सामान्य आंख से देखने पर कोई भी पॉलीस्दार सत्यह एकदम चिकनी दिखाई पड़ती है परंतु उसी सतह को यदि एक अच्छे सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखा जाए तो उसमें अनियमित आभार तथा गर्त दिखाई पड़ते है |
सतहो की इन अनियमितताओं के कारण जब दो सतह एक दूसरे के संपर्क में आती है तो एक सतह का उभार दूसरी सतह के गर्त में ठीक तरह बैठ जाता है इस प्रकार इन उभारो और गर्त के बीच अंत ग्रंथ हो जाता है जब दोनों सतहो के बीच आपेक्षिक गति होती है तो किसी एक सतह को अंत ग्रंथ से निकालने के लिए कार्य करना पड़ता है जिसमें गति मंदिर होती है गति में अब मंदन तभी होता है जब अब विरोधी बल कार्य करता है संपर्क वाली सतह पर यह अब रोधी बल घर्षण के रूप में प्रकट होता है तथा गति के विपरीत दिशा में कार्य करता है |
घर्षण का कारण आणविक सिद्धांत के आधार पर भी समझाया जा सकता है जब दो वस्तुएं एक के ऊपर एक रखी जाती है तो बे केवल कुछ ही बिंदुओं पर एक दूसरे के संपर्क में होती हैं इन संपर्क बिंदुओं पर दोनों वस्तुओं के अणु एक दूसरे के इतने समीप आ जाते हैं कि उनके बीच आणविक बंद बन जाते हैं जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु के ऊपर खींचा अथवा सरकाया जाता है तो आणविक बंद टूटते हैं और वस्तुएं नए बंद पर संपर्क में आ जाती हैं और नए आणविक बंद बन जाते हैं इस प्रकार जब एक वस्तु दूसरी वस्तु पर लगातार कि सकती है तो आणविक बंद लगातार टूटते जाते हैं तथा नए बंद बन जाते हैं इन आणविक बंधुओं का और लगातार तोड़ने के लिए बल की आवश्यकता होती है अतः वस्तुओं के बीच अपेक्षित गति प्रारंभ करने के लिए अथवा अपेक्षित गति को बनाए रखने के लिए बल की आवश्यकता होती है |
ऐसा प्रतीत होता है के घर्षण बल वस्तुओं के खुर्द अरे पन के कारण उत्पन्न होता है परंतु इसके विपरीत यह भी देखा जाता है कि यदि तो सतहो को पॉलिश करके अत्यंत चिकना बना दिया जाए तो उनके बीच घर्षण बल एकाएक बढ़ जाता है इसका कारण यह है कि यदि सतहो को अत्यंत चिकना कर दिया जाए तो उनका वास्तविक संपर्क क्षेत्रफल बहुत पड़ जाएगा और दोनों वस्तुओं के अधिक आर्थिक अरुण एक दूसरे के संपर्क में आ जाएंगे अधिक अधिक अंतरा आणविक बल क्रियाशील हो जाएंगे क |
घर्षण के प्रकार ( Types Of Friction) घर्षण कितने प्रकार के होते हैं
घर्षण तीन प्रकार के होते हैं
1. स्थैतिक घर्षण ( Coefficient Fo Static Friction)
2. सीमांत घर्षण ( Limiting Friction )
3. गतिक घर्षण (Kinetic Or Dynamic Friction )
स्थैतिक घर्षण ( Coefficient Fo Static Friction)
जब दो परस्पर संपर्क में स्थित वस्तुएं विराम अवस्था में होती हैं तो उनके बीच आपेक्षिक गति होने से पूर्व कार्यरत घर्षण बल स्थैतिक घर्षण कहलाता है |
यदि m द्रव्यमान का पिंड क्षेतीज तल पर स्थित है तब इस स्थिति में पिंड का भार mg नीचे की ओर उस पर तल की लंबवत प्रक्रिया N ऊपर की ओर द्वारा निरस्त कर दिया जाता है
यदि पेंट पर सूक्ष्म बल F क्षेतीज लगाने पर पेंट गति ना करें तो यह बल क्षेतीज तल द्वारा पिंड पर विपरीत दिशा में लगाए गए स्थैतिक घर्षण बल fs द्वारा संतुलित कर लिया जाता है यदि लगाए गए बल को निरंतर धीरे-धीरे बढ़ाएं तो अनंता एक स्थिति ऐसी आती है कि पिंड ठीक गति प्रारंभ करने वाला होता है इस स्थिति में स्थैतिक घर्षण अपने अधिकतम मान को प्राप्त कर लेता है जिसे सीमांत घर्षण कहते हैं |
सीमांत घर्षण ( Limiting Friction )
स्थैतिक घर्षण बल का वह अधिकतम मान जब वस्तु ठीक गति प्रारंभ करने वाली होती है सीमांत घर्षण कहलाता है ( यदि गति प्रारंभ करने के लिए आवश्यक न्यूनतम बल के बराबर होता है )
सीमांत घर्षण की आवश्यकता में वस्तु पर लगाया गया बल सीमांत घर्षण द्वारा संतुलित कर लिया जाता है परंतु यदि लगाए गए बल को थोड़ा सा भी बढ़ा दे तो वस्तु तवारित गति करने लगती है गति प्रारंभ करते हैं वस्तु पर गतिक घर्षण कार्य करता है जिसका मान सीमांत घर्षण से कम होता है |
सीमांत घर्षण के नियम
सीमांत घर्षण के निम्नलिखित नियम हैं
- सीमांत घर्षण बल वस्तुओं के संपर्क तल के क्षेत्रफल पर निर्भर करता है
- सीमांत घर्षण का बल संपर्क में स्थित तलो की प्रकृति तथा उनके खुदरें पर अथवा चिकने पर निर्भर करता है
- सीमांत घर्षण बल वस्तुओं के संपर्क तलो के स्पर्शरखिए होता है तथा उसे दिशा के विपरीत दिशा में क्रिया करता है दिशा में वस्तु चलने के लिए प्रेरित होती है |
- सीमांत घर्षण बल वस्तुओं के बीच अभिलंब प्रक्रिया R के अनुक्रमानुपाती होता है
जहां us वस्तुओं के संपर्क तलो के लिए नियंताक है जो उन तलो की प्रकृति पर निर्भर करता है इसे उन तलो के बीच स्थैतिक घर्षण गुणांक कहते हैं |
सीमांत घर्षण बल usR स्थैतिक घर्षण बल का महत्व मान है |
[fs<us R ]
गतिक घर्षण (Kinetic Or Dynamic Friction )
सीमांत घर्षण की अवस्था में प्रस्तुत ठीक गति प्रारंभ करने वाली होती है इस स्थिति में गति उत्थास्पक बल F सीमांत घर्षण fs द्वारा संतुलित अवस्था में होता है इस स्थिति में यदि गतिउत्थास्पक बल को थोड़ा सा भी बढ़ा दे तो बस तू गति प्रारंभ कर देती है एक बार गति प्रारंभ हो जाने पर वस्तुओं के संपर्क तलो के बीच लगने वाला घर्षण बल कम हो जाता है जिसे गतिक घर्षण कहते हैं अतः अब्बू की एक समान गति बनाए रखने के लिए पहले से कम गति उत्थास्पक बल की आवश्यकता होती है |
जब तक वस्तु किसी दूसरी वस्तु के तल पर गति करती है तो उनके संपर्क तलो के बीच कार्यरत घर्षण बल गतिक घर्षण कहलाता है
घर्षण के नियम ( Low Of Kinetic Friction )
गतिक घर्षण के निम्नलिखित नियम हैं-
1.गतिक घर्षण सदैव वस्तुओं के सापेक्ष गति की दिशा के विपरीत दिशा में कार्य करता है
2. गतिज घर्षण संपर्क पृष्ठ के युगल की प्रकृति पर निर्भर करता है
3. अभिलंब प्रतिक्रिया नियत रहने की अवस्था में गतिक घर्षण वस्तुओं के आकार पर निर्भर नहीं करता है
4. गति घर्षण का मान वस्तुओं के संपर्क तलो की अपेक्षित चाल पर निर्भर करता है
5. घर्षण बल का मान अभिलंब प्रतिक्रिया ( R ) अनुक्रमानुपाती होती है
[ fk =ukR ]
दोस्तों उम्मीद है आपको घर्षण के बारे में पूरी जानकारी आपको मिल रही होगी हमने इस पोस्ट में पूरी कोशिश की है कि आपको आसान भाषा में हम घर्षण को समझा पाए हम घर्षण को बहुत अच्छी तरह से समझाया है इस पोस्ट में हमने यह भी बताया है कि घर्षण के कितने प्रकार होते हैं घर्षण क्या है घर्षण क्या है घर्षण क्या है अगर आपको इस पोस्ट में कोई भी चीज समझ में नहीं आई है या आई हो तो हमें कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं |